काबुल। भारतीय लेखिका सुष्मिता बनर्जी की हत्या में नया मोड़ आया है। तालिबान से अलग हुए एक धड़े इस्लामिक मूवमेंट ऑफ अफगानिस्तान के आत्मघाती दस्ते ने सुष्मिता की हत्या की जिम्मेदारी ली है। उसने दावा किया है कि सुष्मिता भारतीय जासूस थीं, इसलिए हमने उनकी हत्या कर दी। तालिबान ने सुष्मिता की हत्या में उसका हाथ होने से इन्कार किया था।
आतंकी धड़े के प्रवक्ता कारी हमजा ने न्यूजवीक मैगजीन की ऑनलाइन सेवा द डेली बीस्ट से कहा, हमने ही सुष्मिता की हत्या करने के आदेश दिए थे। हमारे साथियों ने पहले उनका अपहरण किया, घंटों कड़ी पूछताछ की और फिर मौत के घाट उतार दिया। हमजा ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान सुष्मिता ने अन्य जासूसों के नाम भी बताए हैं, हमारे लोग अब उन्हें निशाना बनाएंगे।
कोलकाता की रहने वाली सुष्मिता ने अफगान कारोबारी जांबाज खान से शादी की थी। सुष्मिता की हाल में पक्तिया प्रांत में हत्या कर दी गई थी, जहां वह कुछ ही दिन पहले अपने पति के साथ रहने के लिए पहुंची थीं। कोलकाता में सुष्मिता के परिजनों और मित्रों ने जांबाज के खिलाफ भी जांच की मांग की थी। सुष्मिता 1994 में तालिबान के चंगुल से बच निकलने में कामयाब रही थीं। उनकी लिखी किताब काबुलीवाला की बंगाली पत्नी पर 2003 में बॉलीवुड में एस्केप फ्रॉम तालिबान नामक फिल्म भी बनी थी।
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