नई दिल्ली। सेना ने रक्षा मंत्रालय से जनरल वीके सिंह द्वारा बनाई गई गुप्त खुफिया इकाई के क्रियाकलापों की उच्चस्तरीय जांच के आदेश देने का आग्रह किया है। सेना को संदेह है कि इस इकाई ने ‘अनाधिकृत क्रियाकलाप’ और वित्तीय गड़बड़ियां कीं।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सेना को संदेह है कि इस इकाई ने जम्मू-कश्मीर सरकार का तख्ता पलटने और बिक्रम सिंह को रोकने की कोशिश की थी।
सूत्रों ने यहां कहा कि रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की अवैध तरीके से फोन टैपिंग करने के आरोपी तकनीकी सहायता विभाग के बारे में सेना की रिपोर्ट हाल में रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई है और रिपोर्ट में इस इकाई के क्रियाकलापों की जांच की सिफारिश की है।
संपर्क किये जाने पर सेना मुख्यालय ने कहा कि उनकी ओर से मामला बंद है और वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता।
सूत्रों ने यहां कहा कि रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की अवैध तरीके से फोन टैपिंग करने के आरोपी तकनीकी सहायता विभाग के बारे में सेना की रिपोर्ट हाल में रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई है और रिपोर्ट में इस इकाई के क्रियाकलापों की जांच की सिफारिश की है।
संपर्क किये जाने पर सेना मुख्यालय ने कहा कि उनकी ओर से मामला बंद है और वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता।
यह रिपोर्ट जनरल बिक्रम सिंह द्वारा इस शीर्ष खुफिया इकाई के क्रियाकलापों की समीक्षा के लिए गठित अधिकारी बोर्ड (बीओओ) की ओर से सैन्य अभियान के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने तैयार की।
इन खबरों पर जनरल वीके सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से आपसी झगड़ा है क्योंकि कुछ लोग मेरे द्वारा देश के पूर्व सैनिकों के हितों के लिए नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने से सहज महसूस नहीं कर रहे हैं।
उनहोंने कहा कि अगर किसी ने इस इकाई के क्रियाकलापों की जांच की सिफारिश की है तो वह व्यक्ति अनावश्यक रूप से बात कर रहा है क्योंकि यह अभियान गुप्त रखने के लिए था।
कहा जा रहा है कि भाटिया नीत समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया कि इस समिति ने कथित रूप से ‘अनधिकृत क्रियाकलाप’ किया।
इन खबरों पर जनरल वीके सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से आपसी झगड़ा है क्योंकि कुछ लोग मेरे द्वारा देश के पूर्व सैनिकों के हितों के लिए नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने से सहज महसूस नहीं कर रहे हैं।
उनहोंने कहा कि अगर किसी ने इस इकाई के क्रियाकलापों की जांच की सिफारिश की है तो वह व्यक्ति अनावश्यक रूप से बात कर रहा है क्योंकि यह अभियान गुप्त रखने के लिए था।
कहा जा रहा है कि भाटिया नीत समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया कि इस समिति ने कथित रूप से ‘अनधिकृत क्रियाकलाप’ किया।