राज्यपाल ने बताई यूपी सरकार की लापरवाही
दंगाग्रस्त मुजफ्फरनगर में मीडिया पर अघोषित सेंसर लागू हो गया है। जिला प्रशासन ने रविवार को पूरे शहर में समाचार पत्रों के वितरण पर पाबंदी लगा दी।
डीएम ने पूरे जिले के उपद्रवग्रस्त इलाकों में मीडिया के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। हाल-फिलहाल मीडिया पर ऐसी पाबंदी देखने में नहीं आई है।


रविवार को अखबार से लदे वाहनों को पुलिस ने जिले की सीमा में प्रवेश करते ही अपने कब्जे में ले लिया।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य और नाशिमुद्दीन सिद्धकी ने कहा कि सपा सरकार बनते ही बिल में छुपे सभी गुंडे, अराजक तत्व और अपराधी प्रवृति के लोगों ने पुरे प्रदेश पर कब्ज़ा कर रखा है। इनके सामने शासन-प्रशासन पंगु बनकर सिर्फ तमाशा देख रही है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुजफ्फरनगर में 27 अगस्त को हुई घटना को प्रशासन रोक सकती थी। पर प्रशासन और प्रदेश सरकार की लापरवाही की वजह से वहा दंगा भड़क गया। बसपा इस घटना को लेकर जल्द ही महामहिम राज्यपाल से मुलाक़ात करेगी। इस सरकार को बर्खास्त कर सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिस करेगी। महामहिम से इस मुद्दे पर एक कमिटी गठित कर दोषी अधिकारियों को तत्काल पद मुक्त करने की सिफारिस भी करेगी। उधर, राष्ट्रीय लोकदल ने भी यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
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