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Azam Khan: Leading Force in UP Govt. |
मुजफ्फरनगर. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के दंगे जंगल की आग की तरह फैल रहे हैं। मुजफ्फरनगर में दंगों में मरने वालो की संख्या 31 हो चुकी है। इसके अलावा मेरठ में 4 चार और बागपत जिले के बड़ौत में 1 व्यक्ति की मौत हो गई।
यह देखते हुए कि सरकार ने दस हजार सैनिक बुलाये हैं, यह आंकड़ा बहुत झूठा लगता है।
प्रशासन ने अब दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं। पुलिस ने मुजफ्फरनगर जिले के कैराना विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हुकुम और भाकियू नेता नरेश टिकैत पर केस दर्ज किया है। इन दंगों को लेकर सोमवार सुबह तक 52 लोगों को गिरफ्तार किया चुका है। अभी तक किसी मुस्लिम पक्षकार के खिलाफ कार्रवाई की कोई खबर नहीं है।
हिंसक झड़पों के दौरान मारे गए लोगों में एक पत्रकार और एक कैमरामैन भी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक करीब 40 घायलों का अब भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। जिले के चार थाना क्षेत्रों मे कर्फ्यू लगा दिया गया है। हालात बेकाबू होने के बाद सेना बुला ली गई है। पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है। मेरठ जिला प्रशासन ने सोमवार को सभी स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। इसके अलावा बागपत जिले में पुलिस बल तैनात किया गया है।
मुजफ्फरनगर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सेना फ्लैग मार्च कर रही है। मुजफ्फरनगर में करीब 10 हजार जवान तैनात किए गए हैं। उत्तराखंड से सटी यूपी से सीमा सील कर दी गई है। उत्तराखंड में हरिद्वार, उधमसिंह नगर और देहरादून पर खास नजर रखी जा रही है। गृह मंत्रालय ने यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
दंगे को लेकर लखनऊ में सीएम आवास पर वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों की बैठक चल रही है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अरुण कुमार और आईजी एटीएस राजीव सब्बरवाल कुछ देर में मुजफ्फरनगर पहुंचने वाले हैं। इन्हें मामला शांत होने तक मुजफ्फरनगर रुकने का आदेश दिया गया है।
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