लखनऊ। प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी घोषित होने की प्रक्रिया के बीच पश्चिमी उप्र में अपना दमखम तैयारी कर रही भाजपा की आगरा की अकोला रैली पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। रैली में लालकृष्ण आडवाणी और वरुण गांधी भाग लेने आ रहे थे। प्रशासन ने रैली पर रोक की वजह मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद प्रदेश में जारी अलर्ट को बताया है, लेकिन भाजपा इसमें सपा का हाथ मान रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने तो टकराव का संकेत देते हुए यह भी एलान कर दिया है कि रैली तो हर हाल में होगी।
फतेहपुर सीकरी संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले जाट बहुल क्षेत्र में आयोजित रैली के लिए भाजपा ने शहर-देहात में ताकत झोंक रखी है। इसके लिए अनुमति के लिए पार्टी ने प्रशासन को आवेदन दिया था, जिसकी अनुमति तीन सितंबर को ही प्रदान कर दी गई थी। इसके बाद पार्टी नेता जनसंपर्क अभियान में जुटे थे। गुरुवार शाम लगभग पांच बजे जिला प्रशासन की ओर से रैली की अनुमति अचानक खारिज कर दी गई। इसकी जानकारी मिलने पर जिलाध्यक्ष अशोक राना, महानगर अध्यक्ष नगेंद्र प्रसाद दुबे गामा, भाजपा नेता राजकुमार चाहर समेत अन्य नेता रात लगभग आठ बजे जिलाधिकारी आवास पर पहुंच गए। जिलाधिकारी जुहेरबिन सगीर ने भी अनुमति रद करने की बात कही। इस पर भाजपा नेताओं ने विरोध जताते हुए कहा कि प्रशासन का फैसला गलत है। भाजपा नेता राजकुमार चाहर ने बताया कि बड़े नेताओं को बता दिया गया है। उन्होंने यह भी कह दिया कि रैली हर हाल में होगी और नियत स्थान पर होगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि सपा कार्यसमिति की बैठक से लोकतंत्र की हत्या का आदेश निकला है। प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए कि सरकारें एक ही दल की नहीं रहतीं। प्रशासन पुनर्विचार करे। रैली उसी जगह और उसी तिथि को होगी।
डीएम जुहेर बिन सगीर ने बताया कि भाजपा की प्रस्तावित रैली पर रोक है। एसडीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि रैली के लिए अनुमति पत्र दिया था। इसके बाद मुजफ्फरनगर प्रकरण से परिस्थितियां बदल गई हैं। एसएसपी की रिपोर्ट में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए अनुमति निरस्त करने की संस्तुति की गई है, जिस पर यह निर्णय लिया गया है।
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