Wednesday, 18 September 2013

बाबूलाल चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं

जयपुर। महिला से दुष्कर्म के आरोप में फंसे खादी मंत्री बाबूलाल नागर चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं। पुलिस की सीआईडी टीम ने नागर से सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर बुधवार रात करीब आधे घंटे तक पूछताछ की। पुलिस यहां पीडि़ता को ले गई थी।
पीडि़ता ने वह कमरा बताया जिसमें दुष्कर्म हुआ था। इसके बाद कमरे को सील कर दिया गया। गुरुवार को एफएसएल टीम इसकी जांच करेगी। उधर, नागर के खिलाफ पार्टी में विरोधी स्वर उठने लगे हैं और इस्तीफा मांगा जा रहा है। कांग्रेस के प्रभारी महासचिव गुरुदास कामत ने प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान से मामले की जानकारी मांगी है। कांग्रेस आलाकमान भी मामले पर नजर बनाए हुए है। राज्य महिला आयोग  ने भी प्रसंज्ञान लेते हुए पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। 
इससे पहले सोढ़ाला थाने में दर्ज एफआईआर की फाइल बुधवार को एडीजी (क्राइम) के पास पहुंची। एडीजी ने मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीके गौड़ को दी। गौड़ बुधवार शाम को पीडि़ता के घर गए और बयान लिए।
महिला के बयानों के बाद सीआईडी की टीम पीडि़ता को साथ लेकर बाबूलाल नागर के सरकारी बंगले पर पहुंची। जहां मंत्री नागर पुलिस टीम को मिल गए।
टीम ने नागर से सामान्य पूछताछ की। इस दौरान पीडि़ता पुलिस वैन में ही बैठी रही। करीब दस मिनट तक नागर से पूछताछ होने के बाद पुलिस टीम ने पीडि़ता को वैन से बाहर निकाला और बंगले में लेकर गई। कमरे को सील करने के बाद पुलिस टीम पीडि़ता को लेकर वापस लौट गई। मगर जांच अधिकारी एएसपी वीके गौड़ सरकारी बंगले पर ही रुक गए और देर रात तक नागर से पूछताछ की।
नागर से इस्तीफा लेकर सीबीआई जांच कराएं : सोना राम
कांग्रेस विधायक और प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य कर्नल सोना राम ने कहा :बाबूलाल नागर पर लगे आरोप शर्मनाक हैं। नागर पार्टी के बड़े नेताओं के चहेते हैं, इसलिए यहां इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होगी। सरकार नागर से तुरंत इस्तीफा ले और मामले की जांच सीबीआई से कराएं। महिपाल मदेरणा के मामले में तो सरकार ने आठ घंटे में ही जांच सीबीआई से कराने का फैसला कर लिया था, तो अब नागर के मामले में सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाई जा रही?
सरकार का यह दोहरा चरित्र क्यों ? : लीला मदेरणा
भंवरी प्रकरण में जेल में बंद पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की पत्नी और राजस्थान राज्य सहकारी अपेक्स बैंक की अध्यक्ष लीला मदेरणा ने कहा है कि बाबूलाल नागर प्रकरण में राज्य सरकार दोहरा चरित्र अपना रही है। उनके पति के खिलाफ तो तत्काल सीबीआई को जांच दे दी गई थी, जबकि बाबूलाल नागर का प्रकरण हाईप्रोफाइल होते ही हुए भी इसे सीआईडी सीबी में दिया गया है, जो एक राज्य सरकार की एजेंसी है। लीला मदेरणा ने कहा कि यौन उत्पीडऩ और दुष्कर्म के ऐसे जघन्य प्रकरण में नागर की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए और इसकी जांच सीबीआई से हो।
पीडि़ता के आरोपों को ही सच मानकर हो जांच : लाडकुमारी
राज्य महिला आयोग अध्यक्ष लाडकुमारी जैन का कहना है, पीडि़ता ने मंत्री पर जो आरोप लगाए हैं, एक बार तो उन आरोपों को ही सच मानकर पुलिस को जांच करनी चाहिए। आयोग ने डीसीपी साउथ से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी हे। पीडि़ता से मिलने और जांच के बाद आयोग मुख्यमंत्री को लिखेगा।

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