आज मशहूर वकील राम जेठमलानी का जन्मदिन है। वे भारत के सबसे बड़े और महंगे वकील हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि कोर्ट में कभी वो किताब नही देखते बल्कि पूरा कानून और सुप्रीमकोर्ट और राज्यों के हाईकोर्ट के सारे फैसले उनकी जुबान पर होते हैं।
मैंने उनकी दलील के बारे में माया पत्रिका में एक किस्सा पढ़ा था
हवाला कांड की सुनवाई चल रही थी। आडवानी जी भी इसमें आरोपी में क्योकि उनके नाम का इनिशियल एलके और उसके आगे दो करोड़ लिखा था। सिर्फ इसलिए आडवानी जी को भी हवाला कांड में आरोपी बनाया गया था |
राम जेठमलानी ने खूब दलीले दी। लेकिन जज ने कहा कि जेठमलानी जी आप तो जानते ही होंगे की ये राजनेता कितने भ्रष्ट हैं! इन्होने देश को लुटकर खोखला बना दिया है। इसलिए इन्हें रियायत देना कानून सम्मत नही है |
तो इस पर राम जेठमलानी ने तुरंत ही कहा - मीलार्ड ठीक है। आप मेरे मुवक्किल को दोषी करार कर दीजिये। मै घर जाऊंगा और अपनी डायरी में आपके नाम का इनिशियल लिखूंगा और उसके आगे दस करोड़ लिखूंगा। फिर आपकी ही अदालत में आकर आपको आरोपी बनाने की मांग करूंगा। क्या किसी के डायरी में किसी का नाम लिखा हो और उसके आगे एक रकम लिखी हो तो उस आधार पर उसे दोषी ठहराया जा सकता है?
जज अवाक् रह गये और तुरंत ही आडवानी जी को हवाला मामले में बाइज्जत बरी कर दिया।
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