
गत सात सितंबर को नंगला मंदौड़ में महापंचायत थी। प्रशासन ने रास्तों पर पुलिस बल तैनात कर रखा था। जौली पुल पर भी एक प्लाटून पीएसी तथा डीएसपी, इंस्पेक्टर के साथ भारी पुलिस बल था। महापंचायत के बाद ट्रैक्टर-ट्रालियों में ग्रामीण अपने घरों को लौट रहे थे। जौली गंगनहर पुल के निकट पहुंचते ही खेतों से निकले सैकड़ों हमलावरों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। अफरातफरी मच गई। ट्रैक्टर ट्राली सवार कुछ लोग भी हमलावरों पर टूट पड़े। दोनों पक्षों में आमने-सामने टकराव से खूनखराबा हो गया। कुछ ग्रामीण ट्रैक्टर छोड़कर भाग खड़े हुए। सैकड़ों लोगों ने पुल पार कर बस्ती के घरों में घुसकर जान बचाई। हमलावरों ने दर्जनों-ट्रैक्टरों को आग के हवाले कर दिया था।
जौली क्षेत्र से चार लोगों के शव व 11 फुंके हुए ट्रैक्टर व दो जली हुई बाइक बरामद हो चुकी हैं जबकि अनेक लोग व कई ट्रैक्टर अभी भी लापता हैं। पुलिस व पीएसी की मौजदूगी में इतना सब कुछ होना सवालिया निशान छोड़ रहा है। चर्चा है कि पुलिस ने घटनास्थल से अनेक अत्याधुनिक हथियारों के खोखे भी बरामद किए हैं।
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