प्रिय श्री राजनाथ सिंह जी,
आज दोपहर को जब आप मुझे आज के संसदीय अधिकरण के बैठक की सूचना देने आये थे तब मैंने अपने मन की व्यथा के बारे में और आपके कार्य संचालन के विषय में अपनी निराशा के बारे में कुछ कहा था।
मैंने आपको उस समय कहा था कि मैं विचार करूँगा कि बैठक में आकर अपनी बातें सभी सदस्यों को कहूँ अथवा नहीं। अब तय किया है कि आज के बैठक में न आऊं यही उचित होगा।
सादर,
आपका
(हस्ताक्षर)
लाल कृष्ण आडवाणी
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