
याचिका में सपा सरकार के कार्यकाल में हुए सभी प्रमुख दंगों की जांच गुजरात के दंगों की तरह सीबीआई से कराने की मांग की गई है।
सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने 11 सितंबर को कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि पिछले 18 माह के दौरान हुए दंगों के मामलों में प्रशासन एक समाज विशेष के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज कर रही है।
उन्होंने मांग की कि उत्तरप्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों की जांच के लिए जस्टिस सहाय आयोग का गठन किया है। इस आयोग का दायरा अन्य प्रमुख दंगों की जांच तक बढ़ाया जाना चाहिए।
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस इम्तियाज मुर्तजा और अनिल कुमार त्रिपाठी की बेंच के सामने सरकारी वकील ने जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा।
इसे कोर्ट ने स्वीकार मान लिया।
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