
दरअसल अप्रैल में राजस्थान के राजसमंद के चारभुजा में भाजपाध्यक्ष राजनाथ सिंह जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। राजनाथ और प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे के सामने ही नरेंद्र मोदी के नारे लगने लगे। हर कोई मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का नारा लगा रहा था। राजनाथ सिंह जैसे ही भाषण देने लगे तो भीड़ ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए।
मामला बेकाबू होता देख राजनाथ ने कहा कि हां, हां, मैंने सुन लिया, अब शांत हो जाएं। भीड़ पर असर नहीं हुआ और नारे जारी रहे। राजनाथ सिंह के भाषण के आखिरी तक अव्यवस्था बनी रही। अधिकतर लोग खड़े ही रहे। राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में भाजपा शासित राज्यों की जमकर तारीफ की, लेकिन एक बार भी मोदी के नाम का जिक्र तक नहीं किया।
अब इस यात्रा का समापन मंगलवार को अमरूदों के बाग में सुराज संकल्प संमेलन के रूप में हो रहा है। यात्रा की शुरुआत में लोगों द्वारा राजनाथ सिंह के सामने इस तरह लगे मोदी-मोदी के नारों ने शायद राजनाथ और वसुंधरा को राजस्थान में उनकी लोकप्रियता का अहसास करा दिया था।
अब इस यात्रा का समापन मंगलवार को अमरूदों के बाग में सुराज संकल्प संमेलन के रूप में हो रहा है। यात्रा की शुरुआत में लोगों द्वारा राजनाथ सिंह के सामने इस तरह लगे मोदी-मोदी के नारों ने शायद राजनाथ और वसुंधरा को राजस्थान में उनकी लोकप्रियता का अहसास करा दिया था।
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