नई दिल्ली. मुजफ्फरनगर दंगों के पीछे कौन है? इसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरु हो गए हैं। सपा ने इसका ठीकरा विपक्ष के सिर फोड़ा है तो भाजपा व बसपा ने सपा सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा कि ऐसा लगता है कि दंगों के पीछे राजनीतिक साजिश है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि विपक्षी दल सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी को घेरने तथा उसके खिलाफ माहौल बनाने के लिए तिल का ताड़ बन रही हैं। सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि यह सांप्रदायिक ताकतों की साजिश है। सूबे के विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं।
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब से राज्य में सपा सरकार आई है हिंसा की 90 से 100 घटनाएं हो चुकी हैं, इसका क्या कारण है? इसका कारण है कि यहां पुलिस और प्रशासन पर राजनीतिक दबाव बनाकर भेदभावपूर्ण तरीके से कार्रवाई कराई जाती है। प्रसाद ने कहा कि सरकार सभी के लिए होनी चाहिए एक समुदाय के लिए नहीं। पूर्व मंत्री अशोक यादव ने कहा कि प्रदेश में मुस्लिमों के लिए अलग और हिंदुओं के लिए अलग मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव अधिकारियों की बैठक किस हैसियत से कर रहे हैं। यादव ने कहा कि जब जब सपा सरकार आती है दंगों की संख्या अचानक बढ़ जाती है।
कांग्रेस प्रवक्ता भक्तचरण दास ने कहा कि ऐसा लगता है कि इन दंगों के पीछे कोई राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि इन दंगों में निजी स्वार्थ रखने वाले राजनीतिक तत्व शामिल हैं। बसपा प्रमुख मायावती और रालोद नेता अजित सिंह ने सपा और भाजपा दोनों पर दोष मढ़ते हुए कहा कि यह दल राजनीतिक धु्रवीकरण के लिए ऐसा कर रहे हैं। अजित सिंह ने कहा कि भाजपा ने अमित शाह को उत्तर प्रदेश किस मंशा से भेजा। उन्होंने कहा कि भाजपा मतों के ध्रुवीकरण का प्रयास कर रही है और सपा की यही मंशा है।
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