लखनऊ/मेरठ/मुजफ्फरनगर. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में दंगा अब भी जारी है। सोमवार को दो और लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या अब 31 हो चुकी है। पर राजनीतिक दल बस आरोप मढ़ रहे। एक-दूसरे पर। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि साजिश विपक्ष की है।
उन्हीं की सरकार में मंत्री आजम खान ने कहा, जानबूझ कर माहौल बिगाड़ा जा रहा है। ताकि मौके का फायदा उठाया जा सके। जवाब में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब भी सपा सरकार में आती है, दंगे होने लगते हैं। अखिलेश सरकार में अब तक ऐसे 90 से 100 मामले सामने आ चुके हैं।
उधर, कांग्रेस और बसपा का अलग ही राग है। दोनों पार्टियां दंगों के पीछे सपा-भाजपा की मिलीभगत को वजह बता रही हैं। इस बीच प्रशासन ने रालोद नेता अजीत सिंह और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद को मुजफ्फरनगर जाने से रोक दिया।
इन हंगामों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि 'मैंने तो सात सितंबर को ही अखिलेश यादव को फोन कर चेता दिया था कि दंगे हो सकते हैं।' इसके साथ ही फर्जी वीडियो क्लिप को लेकर मिली खुफिया रिपोर्ट भी यूपी सरकार से साझा की गई थी। पर सरकार ने रिपोर्ट को तवज्जो नहीं दी।
आईबी ने सरकार को चेताया, तेजी से फैल सकती है मुजफ्फरनगर दंगों की आग
इंटेलीजेंस ब्यूरो ने सरकार को चेताया है कि मुजफ्फरनगर दंगों की आग देश के दूसरो हिस्सों में भी फैल सकती है। मुजफ्फरनगर के हालातों से इनपुट लेते हुए तैयार की गई आईबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि दंगों की आग अब शहर से निकलकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में फैल रही है। लिहाजा इसे रोका न गया तो यह भयंकर रूप धारण कर लेगी। आईबी ने गृह मंत्रालय को बताया है कि दंगाग्रस्त क्षेत्र के पड़ोसी भागों में स्थिति और भी खराब हो सकती है।आईबी के मुताबिक बरेली, अलीगढ़, मथुरा, हापुड़, मेरठ शामली, मुरादाबाद, रामपुर और सहारनपुर जिलों के गावों में भी दंगों की आग फैल सकती है।
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